तर्ज- चलते चलते यूँ ही कोई मील गया
मेरी बात बन रही है, तेरी बात करते करते।मेरी बात बन रही है, तेरी बात करते करते।ये रात कट रही है, तेरा नाम जपते जपते।
मेरी बात बन रहीं हैं, तेरी बात करते करते ।।
भटका बहुत जहान में, मंजिल कभी ना पाई।भटका बहुत जहान में, मंजिल कभी ना पाई।मंजिल भी मिल रही है, मंजिल भी मिल रही है, तेरी राह चलते चलते। मेरी बात बन रहीं हैं, तेरी बात करते करते ।।
जीवन में थे अँधेरे, तेरी शरण में आया।जीवन में थे अँधेरे, तेरी शरण में आया। मुझे दे रही उजाला, मुझे दे रही उजाला, तेरी ज्योत जलते जलते। मेरी बात बन रहीं हैं, तेरी बात करते करते ।।
मेरा हाथ थामें रखना, कितनी कठिन घड़ी हो।मेरा हाथ थामें रखना, कितनी कठिन घड़ी हो।दर आपका ना छूटे, दर आपका ना छूटे, ‘रोमी’ से मरते मरते। मेरी बात बन रहीं हैं, तेरी बात करते करते ।।
मेरी बात बन रही है, तेरी बात करते करते।मेरी बात बन रही है, तेरी बात करते करते।ये रात कट रही है, तेरा नाम जपते जपते।
मेरी बात बन रहीं हैं, तेरी बात करते करते ।।मेरी