नीलाचलनिवासाय,
नित्याय परमात्मने,
बलभद्रसुभद्राभ्यां,
जगन्नाथाय ते नमः।
जय जगन्नाथ,
जय जगन्नाथ बोलो,
जय जगन्नाथ,
जय जगन्नाथ बोलो।
जय जगन्नाथ,
जय जगन्नाथ बोलो,
जय जगन्नाथ,
जय जगन्नाथ बोलो।
रथ पे आरूढ़,
मेरे जग के है स्वामी,
मैं उनका दास,
और वो अंतर्यामी।
हर दर्शन तेरा,
प्रभु कल्याणकारी,
सिंहद्वार तेरा है,
मंगल अबिकारी।
जय हरि श्री हरि जय जगन्नाथ,
जय हरि श्री हरि जय जगन्नाथ।
जय जगन्नाथ,
जय जगन्नाथ बोलो,
जय जगन्नाथ,
जय जगन्नाथ बोलो।
पहली कदम जब,
पड़ी नीलाचल में,
झलके आशु,
प्रभु तेरे स्मरण में।
सर झुकता उठते हस्त,
तेरे बंदन में,
हर दुख में भुला,
प्रभु इस पल में।
जय हरि श्री हरि जय जगन्नाथ,
जय हरि श्री हरि जय जगन्नाथ।
जय जगन्नाथ,
जय जगन्नाथ बोलो। ।
जय हरि श्री हरि जय जगन्नाथ,
जय हरि श्री हरि जय जगन्नाथ।
जय जगन्नाथ,
जय जगन्नाथ बोलो,
जय जगन्नाथ,
जय जगन्नाथ बोलो।