सांवरिया म्हारे आवजो थे छाने छाने छाने। गढ़ महला म्हारे आवजो थे छाने छाने छाने।
रसतो छोड़ गली में आजो कोई ना पहचाने थाने।रसतो छोड़ गली में आजो कोई ना पहचाने थाने। काली कंबल ओढ़ के आजयो माखन मिश्री खाजो।सांवरिया म्हारे आवजो थे छाने छाने छाने। गढ़ महला म्हारे आवजो थे छाने छाने छाने।
दोध पहर तो जावा दीजो या दिखे मेजवानी।दोध पहर तो जावा दीजो या दिखे मेजवानी। हाथा में दो घड़िया लाजो आन जगा जो म्हाने।सांवरिया म्हारे आवजो थे छाने छाने छाने। गढ़ महला म्हारे आवजो थे छाने छाने छाने।
मैं थाने पूछूं ओ जी सांवरा बात करो थे क्यो न।मैं थाने पूछूं ओ जी सांवरा बात करो थे क्यो न। दाऊजी से खबर पड़ेगी माता देगी ताना।सांवरिया म्हारे आवजो थे छाने छाने छाने। गढ़ महला म्हारे आवजो थे छाने छाने छाने।
प्रीत करो तो ऐसी कर जो पड़े न किसी ने भाने।प्रीत करो तो ऐसी कर जो पड़े न किसी ने भाने। चंद्र सखी श्री बाल कि शोभा दासी राखजो माने।सांवरिया म्हारे आवजो थे छाने छाने छाने। गढ़ महला म्हारे आवजो थे छाने छाने छाने।