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राम भजन लिरिक्स

Raghukul pragte hai raghuveer,रघुकुल प्रगटे हैं रघुबीर,ram bhajan

रघुकुल प्रगटे हैं रघुबीर

रघुकुल प्रगटे हैं रघुबीर ।रघुकुल प्रगटे हैं रघुबीर ।रघुकुल प्रगटे हैं रघुबीर ।रघुकुल प्रगटे हैं रघुबीर



देस देस से टीको आयो रतन कनक मनि हीर ।देस देस से टीको आयो रतन कनक मनि हीर। रघुकुल प्रगटे हैं रघुबीर ।रघुकुल प्रगटे हैं रघुबीर ।रघुकुल प्रगटे हैं रघुबीर ।



घर घर मंगल होत बधाई भै पुरवासिन भीर ।घर घर मंगल होत बधाई भै पुरवासिन भीर ।रघुकुल प्रगटे हैं रघुबीर ।रघुकुल प्रगटे हैं रघुबीर ।रघुकुल प्रगटे हैं रघुबीर ।



आनंद मगन होइ सब डोलत कछु ना सौध शरीर ।आनंद मगन होइ सब डोलत कछु ना सौध शरीर ।रघुकुल प्रगटे हैं रघुबीर ।रघुकुल प्रगटे हैं रघुबीर ।रघुकुल प्रगटे हैं रघुबीर ।



मागध बंदी सबै लुटावैं गौ गयंद हय चीर ।मागध बंदी सबै लुटावैं गौ गयंद हय चीर ।रघुकुल प्रगटे हैं रघुबीर ।रघुकुल प्रगटे हैं रघुबीर ।रघुकुल प्रगटे हैं रघुबीर ।



देत असीस सूर चिर जीवौ रामचन्द्र रणधीर ।देत असीस सूर चिर जीवौ रामचन्द्र रणधीर ।रघुकुल प्रगटे हैं रघुबीर ।रघुकुल प्रगटे हैं रघुबीर ।रघुकुल प्रगटे हैं रघुबीर ।

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