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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Karu gori ki Puja Tan Man Se Meri Mang Sindoor se Lal Rahe,करूं गौरी की पूजा मैं तन मन से, मेरी मांग सिंदूर से लाल रहे,shiv bhajan

करूं गौरी की पूजा मैं तन मन से, मेरी मांग सिंदूर से लाल रहे ।

तर्ज, महावीर तुम्हारे द्वारे पर

करूं गौरी की पूजा मैं तन मन से, मेरी मांग सिंदूर से लाल रहे ।करूं गौरी की पूजा मैं तन मन से, मेरी मांग सिंदूर से लाल रहे ।



मेरे मायके की बगिया हरी रहे , ससुराल में जगमग ज्योति जले।मेरे मायके की बगिया हरी रहे , ससुराल में जगमग ज्योति जले। मैया ऐसा दो वरदान मुझे, मेरे ससुर का युग युग राज रहे।करूं गौरी की पूजा मैं तन मन से, मेरी मांग सिंदूर से लाल रहे ।



मेरे माथे पे बिंदिया चमकती रहे, मेरे हाथों में चूड़ी खनकती रहें ।मेरे माथे पे बिंदिया चमकती रहे, मेरे हाथों में चूड़ी खनकती रहें ।मैया ऐसा दो वरदान मुझे मेरे पिता का युग युग राज रहे।करूं गौरी की पूजा मैं तन मन से, मेरी मांग सिंदूर से लाल रहे ।



मेरे हाथों में मेहंदी रची रहे मेरे पैरों में पायल बजती रहे।मेरे हाथों में मेहंदी रची रहे मेरे पैरों में पायल बजती रहे। मैया ऐसा दो वरदान मुझे मेरे पति का युग युग राज रहे ।करूं गौरी की पूजा मैं तन मन से, मेरी मांग सिंदूर से लाल रहे ।



मेरे अंगों में साड़ी सजती रहे मेरे सिर पे चुनरिया उड़ी रहे।मेरे अंगों में साड़ी सजती रहे मेरे सिर पे चुनरिया उड़ी रहे। मैया ऐसा दो वरदान मुझे मेरे बेटे का युग युग राज रहे।करूं गौरी की पूजा मैं तन मन से, मेरी मांग सिंदूर से लाल रहे ।

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