शिव जी तेरे मंदिर में आ के मेरा मन पावन हो जाता है।शिव जी तेरे मंदिर में आ के मेरा मन पावन हो जाता है।
तेरी भोली सुरत देख के शिव मेरा मन प्रसन्न हो जाता है।
यह जग सारा बेगाना है, बस तुझे ही अपना माना है।यह जग सारा बेगाना है, बस तुझे ही अपना माना है।
मैं तेरी हूँ तू मेरा है ये अपने पन का नाता है।
शिव जी तेरे मंदिर में आ के मेरा मन पावन हो जाता है।
तेरी भोली सुरत देख के शिव मेरा मन प्रसन्न हो जाता है।
पग पग पर घना अन्धेरा है, मुझे मोह लोभ ने घेरा है।पग पग पर घना अन्धेरा है, मुझे मोह लोभ ने घेरा है।
ऐसे मे तेरा नाम मुझे एक नयी राह दिखलाता है।शिव जी तेरे मंदिर में आ के मेरा मन पावन हो जाता है।
तेरी भोली सुरत देख के शिव मेरा मन प्रसन्न हो जाता है।
तू अजर अमर अविनाशी है, तू स्वामी घट घट वासी है।तू अजर अमर अविनाशी है, तू स्वामी घट घट वासी है।मुझे तेरे सिवा इस दुनिया मे कुछ और नज़र न आता है।
शिव जी तेरे मंदिर में आ के मेरा मन पावन हो जाता है।
तेरी भोली सुरत देख के शिव मेरा मन प्रसन्न हो जाता है।
तेरी धुनि मे तेरी मस्ती मे, मै मगन हू तेरी भक्ति में।तेरी धुनि मे तेरी मस्ती मे, मै मगन हू तेरी भक्ति में।मैं खुद को धन्य समझती हूँ, जब अपने दर पे बुलाता है।
शिव जी तेरे मंदिर में आ के मेरा मन पावन हो जाता है।
तेरी भोली सुरत देख के शिव मेरा मन प्रसन्न हो जाता है।