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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Gora ke unche niche Mahal,तेरे तो ऊंचे ऊंचे महल गोरा में रहूं कुटिया में,shiv bhajan

तेरे तो ऊंचे ऊंचे महल, गोरा में रहूं कुटिया में।

तेरे तो ऊंचे ऊंचे महल, गोरा में रहूं कुटिया में।तेरे तो ऊंचे ऊंचे महल, गोरा में रहूं कुटिया में।

छोड़कर ऊंचे ऊंचे महल रह लूंगी भोले कुटिया में।तेरे तो ऊंचे ऊंचे महल, गोरा में रहूं कुटिया में।छोड़कर ऊंचे ऊंचे महल रह लूंगी भोले कुटिया में।

तेरे गले में हीरे मोती मेरे तो गले नाग पड़े। मैं भी गले में डालूं नाग छोडूंगी हार मोतिया जडे।तेरे तो ऊंचे ऊंचे महल, गोरा में रहूं कुटिया में।छोड़कर ऊंचे ऊंचे महल रह लूंगी भोले कुटिया में।

भांग पीने का मुझे चस्का, पीयू सु लौटे भर भर के घोटूंगी रोज तेरी भंगिया दिया करूंगी बेड़ा भर के।तेरे तो ऊंचे ऊंचे महल, गोरा में रहूं कुटिया में।छोड़कर ऊंचे ऊंचे महल रह लूंगी भोले कुटिया में।

तने तो चाहिए लहंगे वहंगे, मैं फक्कड़ कुंडी सोटे आला। छोड़ दूंगी लहंगे वहंगे, पहनूंगी मैं भी मृगछाला।तेरे तो ऊंचे ऊंचे महल, गोरा में रहूं कुटिया में।छोड़कर ऊंचे ऊंचे महल रह लूंगी भोले कुटिया में।

होके कर्मवीर गावे यह भोलेनाथ छम छम छम। सिमरन जागलान गावे यह भोलेनाथ छम छम छम।तेरे तो ऊंचे ऊंचे महल, गोरा में रहूं कुटिया में।छोड़कर ऊंचे ऊंचे महल रह लूंगी भोले कुटिया में।

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