तर्ज, तेरी मुरली की धुन सुनकर
भोले सावन महीने में मैं गंगाजल लेकर आई हूं। ना घोड़ा है ना हाथी है मैं पैदल चल कर आई हूं।भोले सावन महीने में मैं गंगाजल लेकर आई हूं। ना घोड़ा है ना हाथी है मैं पैदल चल कर आई हूं।
सुना है मैंने ओ भोले जटा में तेरी गंगा है।सुना है मैंने ओ भोले जटा में तेरी गंगा है। मेरे शंकर मेरे भोले में देखने गंगा आई हूं।भोले सावन महीने में मैं गंगाजल लेकर आई हूं। ना घोड़ा है ना हाथी है मैं पैदल चल कर आई हूं।
सुना है मैंने ओ भोले तेरे माथे पर चंदा है।सुना है मैंने ओ भोले तेरे माथे पर चंदा है। मेरे शंकर मेरे भोले में देखने चंदा आई हूं।भोले सावन महीने में मैं गंगाजल लेकर आई हूं। ना घोड़ा है ना हाथी है मैं पैदल चल कर आई हूं।
सुना है मैंने ओ भोले तेरे गले में सर्पों की माला है।सुना है मैंने ओ भोले तेरे गले में सर्पों की माला है। मेरे भोले मेरे शंकर, में माला देखने आई हूं।भोले सावन महीने में मैं गंगाजल लेकर आई हूं। ना घोड़ा है ना हाथी है मैं पैदल चल कर आई हूं।
सुना है मैंने ओ भोले तेरे तन पर बाघाम्बर छाला है।सुना है मैंने ओ भोले तेरे तन पर बाघाम्बर छाला है। मेरे भोले मेरे संकर में बाघाम्बर देखने आई हूं।भोले सावन महीने में मैं गंगाजल लेकर आई हूं। ना घोड़ा है ना हाथी है मैं पैदल चल कर आई हूं।
सुना है मैंने मेरे भोले तेरे हाथों में डमरू है।सुना है मैंने मेरे भोले तेरे हाथों में डमरू है। मेरे भोले मेरे शंकर में धुन सुनने को आई हूं।भोले सावन महीने में मैं गंगाजल लेकर आई हूं। ना घोड़ा है ना हाथी है मैं पैदल चल कर आई हूं।
सुना है मैंने मेरे भोले तेरे पांव में घुंघरू है।सुना है मैंने मेरे भोले तेरे पांव में घुंघरू है। मेरे भोले मेरे शंकर मैं घुंघरू देखने आई हूं।भोले सावन महीने में मैं गंगाजल लेकर आई हूं। ना घोड़ा है ना हाथी है मैं पैदल चल कर आई हूं।