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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Bhola Bah Gaya Ganga Mein,फस गया है पाप के पंज्ञा में भोला बह गया गंगा में,shiv bhajan

फस गया है पाप के पंज्ञा में। भोला बह गया गंगा में।

फस गया है पाप के पंज्ञा में। भोला बह गया गंगा में।फस गया है पाप के पंज्ञा में। भोला बह गया गंगा में।

रावण ने तप खूब किया, वर में शिवजी मांग िया।रावण ने तप खूब किया, वर में शिवजी मांग लिया।रावण ने तप खूब किया, वर में शिवजी मांग लिया।फस गया है पाप के पंज्ञा में। भोला बह गया गंगा में।फस गया है पाप के पंज्ञा में। भोला बह गया गंगा में।

भस्मासुर भक्ति में लगया। पार्वती पर ध्यान डिग्या।भस्मासुर भक्ति में लगया। पार्वती पर ध्यान डिग्या।फस गया है पाप के पंज्ञा में। भोला बह गया गंगा में।फस गया है पाप के पंज्ञा में। भोला बह गया गंगा में।

सागर मंथन ऐसा किया, अमृत देकर विष को पियासागर मंथन ऐसा किया, अमृत देकर विष को पिया।फस गया है पाप के पंज्ञा में। भोला बह गया गंगा में।फस गया है पाप के पंज्ञा में। भोला बह गया गंगा में।

शिव की भक्ति कुन यो रे। पलपल पलपल शिव सुम्रे।शिव की भक्ति कुन यो करे। पलपल पलपल शिव सुम्रे।फस गया है पाप के पंज्ञा में। भोला बह गया गंगा में।फस गया है पाप के पंज्ञा में। भोला बह गया गंगा में।

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