दोहा – अर्जी लिखूं में आपने, और सुनो रामा पीर, हेलो सुनने आवजो, बाबा धरो म्हारे मन में धीर
लिख लिख अरजी भेजू रुणीजे, महलो में पोढो रामा रे। सेवक ऊपर साया रखजो, बाबा सुता हो तो जागो रे। दास जाने ने दर्शन दिजो, म्हारो मनड़ो बाबा में लागो रे ।।
लीलो रे घोड़ों बाबा भमर भालो। बाबा पेरण केशरियो बागो रे। दर्शन कारण बाबा मनड़ो तरसे, बाबा प्रेम आप सू लागो रे। दास जाने ने दर्शन दिजो, म्हारो मनड़ो बाबा में लागो रे ।।
मुख से बजावे कान्हो बांसुरी जी, बाबा बाजे पेरवा री तानो रे। साधु संत थारी करे सेवना, ए पियालो रा वासंग राजा रे। दास जाने ने दर्शन दिजो, म्हारो मनड़ो बाबा में लागो रे ।।
दूर दूर से आवे यात्री, बाब मेलो रणुजे लागो रे। हुकम देवो रे बाबा आऊ रनुजे, दुखियो रा दुखड़ा काटो रे। दास जाने ने दर्शन दिजो, म्हारो मनड़ो बाबा में लागो रे ।।
लाछा सुगना करे आरती, बाबा हरजी चंवर धुलावे ओ। धूप दीप सु आप पधारो, भक्तो रा कारज सारो ओ। दास जाने ने दर्शन दिजो, म्हारो मनड़ो बाबा में लागो रे।
रघुराम गुरु मिलिया पूरा, बाबा कलयुग आयो भारी रे। दास पिथोयो अरज गुजारे, बाबा दोय पग देवो सामा रे। दास जाने ने दर्शन दिजो, म्हारो मनड़ो बाबा में लागो रे ।।
लिख लिख अरजी भेजू रुणीजे, महलो में पोढो रामा रे। सेवक ऊपर साया रखजो, बाबा सुता हो तो जागो रे। दास जाने ने दर्शन दिजो, म्हारो मनड़ो बाबा में लागो रे ।।