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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

dhuni ramaye bhole kashi ki nagariya,धूनी रमाए भोले काशी की नगरिया,shiv bhajan

धूनी रमाए भोले काशी की नगरिया,

तर्ज, कोन दिशा में लेके चला

धूनी रमाए भोले काशी की नगरिया,धूनी रमाए भोले काशी की नगरिया,गंगा लेती है लहर,यहां आठों पहर,चलो दर्शन को,दर्शन को।

हे गंगा तेरे दर्शन को जो भी लेके आए आश हो। तन भी धोया मन भी धोया धूल गए सारे पाप हो।हे गंगा तेरे दर्शन को जो भी लेके आए आश हो। तन भी धोया मन भी धोया धूल गए सारे पाप हो। पतित पावन यह काशी की नगरिया,गंगा लेती है लहर,यहां आठों पहर,चलो दर्शन को,दर्शन को।

ब्रह्मा विष्णु महेश की नगरी काशी विश्वनाथ हो। तीन लोक में महिमा तुम्हारी त्रिलोकी के नाथ हो।ब्रह्मा विष्णु महेश की नगरी काशी विश्वनाथ हो। तीन लोक में महिमा तुम्हारी त्रिलोकी के नाथ हो। मोक्षदायिनी काशी की नगरिया,गंगा लेती है लहर,यहां आठों पहर,चलो दर्शन को,दर्शन को।

सारे जग को तूने बचा कर खुद किया विषपान हो। नीलकंठ और बाबा बर्फानी तेरे चारों धाम हो।सारे जग को तूने बचा कर खुद किया विषपान हो। नीलकंठ और बाबा बर्फानी तेरे चारों धाम हो। भोले जी को प्यारी है काशी की नगरिया,गंगा लेती है लहर,यहां आठों पहर,चलो दर्शन को,दर्शन को।

धूनी रमाए भोले काशी की नगरिया,धूनी रमाए भोले काशी की नगरिया,गंगा लेती है लहर,यहां आठों पहर,चलो दर्शन को,दर्शन को।

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