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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Purab se jab Suraj nikle sinduri ghan chaye,पूरब से जब सूरज निकले सिंदूरी घन छाए,shiv bhajan

पूरब से जब सूरज निकले सिंदूरी घन छाए,

पूरब से जब सूरज निकले,
सिंदूरी घन छाए,
पवन के पग में नुपुर बाजे,
मयूर मन मेरा गाये ।





पूरब से जब सूरज निकले,
सिंदूरी घन छाए,
पवन के पग में नुपुर बाजे,
मयूर मन मेरा गाये ।



मन मेरा गाये,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय ।





पुष्प की माला थाल सजाऊं,
गंगाजल भर कलश मैं लाऊं,
नौ ज्योति के दीप जलाऊं,
चरणों में नित,
शीश झुकाऊं,
भाव विभोर होके भक्ति में,
रोम रोम रंग जाये ।



हो मन मेरा गाये,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय ।

अभ्यंकर शंकर अविनाशी,
मैं तेरे दर्शन की अभिलाषी,
जन्मों की पूजा की प्यासी,
मुझ पे करना कृपा ज़रा सी,
मुझ पे करना कृपा ज़रा सी,
तेरे सिवा मेरे प्राणों को,
और कोई ना भाये ।



हो मन मेरा गाये,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय ।





पूरब से जब सूरज निकले,
सिंदूरी घन छाए,
पवन के पग में नुपुर बाजे,
मयूर मन मेरा गाये ।

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