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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Bhole ne tayari kar li Haridwar ke liye,भोले ने तैयारी कर ली हरिद्वार के लिए,shiv bhajan

भोले ने तैयारी कर ली हरिद्वार के लिए

भोले ने तैयारी कर ली हरिद्वार के लिए। नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए।भोले ने तैयारी कर ली हरिद्वार के लिए। नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए।

वो बहुतों को समझाए, गोरा की समझ ना आए। वह बोली भांग तब घोटू, मेरी करवा को घुमवाए। भोले ने समाधि छोडी गोरा बाहर के लिए।नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए।नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए।भोले ने तैयारी कर ली हरिद्वार के लिए। नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए।नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए।नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए।

कहे दे दो भांग का लोटा, उठा दो कुंडी सोटा और बैठे गंगा किनारे आनंद से पी लिया घोटा। शिव पार्वती ले आए जब उद्धार के लिए।नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए।नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए।भोले ने तैयारी कर ली हरिद्वार के लिए। नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए।नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए।नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए।

भोले मंद मंद मुस्काए गौरा फूली नहीं समाये। चंदा गंगा के दर्शन को महादेव धरा पर आए। भोले गोरा को ले चले हरिद्वार के लिए।नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए।नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए।भोले ने तैयारी कर ली हरिद्वार के लिए। नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए।नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए।नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए।

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