तर्ज – म्हारो बेड़ो पार लगा दिज्यों
म्हारी अर्जी सुनकर आ जइयो, लीले का असवार। लीले का असवार थारो, नाम है लखदातार। भक्ता का कष्ट मिटा जइयो, लीले का असवार। म्हारी अर्जी सुनकर आ जइयों, लीले का असवार।
बाबा अर्ज सुनो थे सबकी, म्हारी नाव भवर में अटकी। अटकी ने पार लगा जइयो, लीले का असवार। म्हारी अर्जी सुनकर आ जइयों, लीले का असवार।
थारो नाम सुन्यो जद आयो, द्वारे एक अरज लगायो। अर्जी पे मर्जी सुना जइयो, लीले का असवार।म्हारी अर्जी सुनकर आ जइयों, लीले का असवार।
म्हाने रात्यु नींद ना आवे, म्हारी अखियाँ नीर बहावे।आंख्या ने दरश करा जइयो, लीले का असवार। म्हारी अर्जी सुनकर आ जइयों, लीले का असवार।
म्हारे नैणा में बस जाओ, म्हाने छोड़ कठे ना जाओ। हिवड़े में ज्योति जगा जइयो, लीले का असवार।म्हारी अर्जी सुनकर आ जइयों, लीले का असवार।
बाबा ‘मगन’ तेरे दर आयो, चरणा में शीश नवायो। म्हारे सिर पर हाथ फिर जइयो, लीले का असवार। म्हारी अर्जी सुनकर आ जइयों, लीले का असवार।
म्हारी अर्जी सुनकर आ जइयो, लीले का असवार। लीले का असवार थारो, नाम है लखदातार।भक्ता का कष्ट मिटा जइयो, लीले का असवार। म्हारी अर्जी सुनकर आ जइयों, लीले का असवार।