तर्ज- जियें तो जियें कैसे
कहें तो कहें कैसे, श्याम हम आपसे। कुछ ना मिला है मुझे, दरबार से। कहे तो कहे कैसे, श्याम हम आपसे।
नहीं कोई तेरे सिवा, तूने ही तो देखा है, तूने ही बदली, जीवन की हर रेखा है। कितने गिनाऊँ, पर्चे तुम्हारे। तेरी कृपा से है, चर्चे हमारे। कहे तो कहे कैसे, श्याम हम आपसे।
मुझे यदि कहे कोई, बिना तेरे हो जीना।सच सच कहूं मैं बाबा, बेहतर है मरना।रहकर जुदा तुझसे, जीना सकूंगा। बातें मैं दिल की किसी से, कह ना सकूंगा।कहे तो कहे कैसे,श्याम हम आपसे।
ये मैं नहीं कहता मैंने, तुझे कभी देखा है,
पर ये सही है तूने ही, मुझे देखा है। करके कृपा तूने, जीवन संवारा। तेरे सिवा नहीं, कोई गवारा, कहे तो कहे कैसे, श्याम हम आपसे ।
कहें तो कहें कैसे, श्याम हम आपसे। कुछ ना मिला है मुझे, दरबार से। कहे तो कहे कैसे, श्याम हम आपसे।