मुझे शरण तुम्हारी सांवरिया मेरा और कोई संसार नही। मेरा एक भरोसा है तुम पर मेरा और कोई दातार नहीं।मुझे शरण तुम्हारी सांवरिया मेरा और कोई संसार नही।
में दास तुम्हारा हूं बाबा, कहीं और क्यों मैं फरियाद करूं।तुम हर एक सांस में हो मेरी क्यों और किसी को याद करूं। ये तन मन आपको अर्पण है किसी और का कोई अधिकार नहीं।मुझे शरण तुम्हारी सांवरिया मेरा और कोई संसार नही।
कोई क्या कहता मुझको बाबा इस का मुझको अफसोस नहीं। मुझको विश्वास यही हर पल तुम बैठोगे खामोश नहीं। तुम सारे जहां से कह देना मेरा सेवक हैं लाचार नहीं।मुझे शरण तुम्हारी सांवरिया मेरा और कोई संसार नही।
बस ये अहसास रहे मुझको मैं बालक हूं तुम नाथ मेरे।में हर विपदा से लड़ लूंगा तुम रखना सर पे हाथ मेरे। पंकज को सब मंजूर प्रभु कम करना अपना प्यार नहीं।मुझे शरण तुम्हारी सांवरिया मेरा और कोई संसार नही।।
मुझे शरण तुम्हारी सांवरिया मेरा और कोई संसार नही। मेरा एक भरोसा है तुम पर मेरा और कोई दातार नहीं।मुझे शरण तुम्हारी सांवरिया मेरा और कोई संसार नही।