बाबा के श्रृंगार मै सज कर खिल जाती है कली कली। इत्र लगाए श्याम धनी महके खाटू की गली गली।इत्र लगाए श्याम धनी महके खाटू की गली गली।
बाबा के श्रृंगार में सज कर फूल गुलाब के खिलते हैं। जूही चमेली और मोगरा लिपट लिपट कर मिलते हैं।बाबा के श्रृंगार में सज कर फूल गुलाब के खिलते हैं। जूही चमेली और मोगरा लिपट लिपट कर मिलते हैं। कैसी किस्मत है फूलों की सेवा उनको मिली मिली।इत्र लगाए श्याम धनी महके खाटू की गली गली।इत्र लगाए श्याम धनी महके खाटू की गली गली।
बाबा के श्रृंगार मै सज कर खिल जाती है कली कली। इत्र लगाए श्याम धनी महके खाटू की गली गली।इत्र लगाए श्याम धनी महके खाटू की गली गली।
श्याम है बगिया के मालिक यही फूल खिलाते हैं। जिन पर कृपा हो बाबा की वहीं सेवा पाते हैं।श्याम है बगिया के मालिक यही फूल खिलाते हैं। जिन पर कृपा हो बाबा की वहीं सेवा पाते हैं। उस घर को रोशन ये करती जहां ये ज्योति जली जली।इत्र लगाए श्याम धनी महके खाटू की गली गली।इत्र लगाए श्याम धनी महके खाटू की गली गली।
श्याम तेरे दरबार में देखो दर्शन को है दास खड़े। लखदातार की कृपा से बन जाए निर्धन सेठ बड़े।श्याम तेरे दरबार में देखो दर्शन को है दास खड़े। लखदातार की कृपा से बन जाए निर्धन सेठ बड़े। सच्ची श्रद्धा से जो आए उसकी विपदा टली टली।इत्र लगाए श्याम धनी महके खाटू की गली गली।इत्र लगाए श्याम धनी महके खाटू की गली गली।
श्याम तेरे गुलशन में खिलते रंग बिरंगे फूल कई। श्याम अदालत करे फैसला कौन गलत है कौन सही।श्याम तेरे गुलशन में खिलते रंग बिरंगे फूल कई। श्याम अदालत करे फैसला कौन गलत है कौन सही।श्याम सुरेंद्र भी खिल जाए चरणों में बन कली कली।इत्र लगाए श्याम धनी महके खाटू की गली गली।इत्र लगाए श्याम धनी महके खाटू की गली गली।