जय जगदंबा जय मां अंबा सकल जगत की माता। कौन मात अपने पुत्रों से ऐसे तोड़ती नाता।जय जगदंबा जय मां अंबा सकल जगत की माता। कौन मात अपने पुत्रों से ऐसे तोड़ती नाता। शरणागत का बैर बुलाकर बैरी गले लगाता। मैं तो आपका पुत्र मां करणी आप हो मेरी माता।
मैने सुना बुद्धिजन चारण से मांत ना करती लेखा। भक्तों के संकट में मां को सबसे पहले देखा।मैने सुना बुद्धिजन चारण से मांत ना करती लेखा। भक्तों के संकट में मां को सबसे पहले देखा।कैद फंसे मुल्तान फौज थी याद किए जद सेखा।आप ही वेश धरा सबरी का मदद रूप में देखा।
गंगा सिंह का सिंह भगा कर आप करी रखवाली।के फौजी को सत्य बताने बन गई 20 भुजाली।गंगा सिंह का सिंह भगा कर आप करी रखवाली।के फौजी को सत्य बताने बन गई 20 भुजाली।लाखन के खातिर यमराज का लोक हिलाने वाली। आप ही हो जगदंबा अंबा दुर्गा हो महाकाली।
देशनोक भी फॉरन पहुंची करनी गाय चराने। अभिमानी दानव वहां आए राज का जोर दिखाने।देशनोक भी फॉरन पहुंची करनी गाय चराने। अभिमानी दानव वहां आए राज का जोर दिखाने। मां बोली देखा लागे तो निज शक्ति को जाने। तब सिंह रूप में प्राण हरे तो आ गई अकल ठिकाने।
पहुंच गई सागर में झगड़ु शाह की नाव बचाने। निज मंदिर में बैठकर कैसे भुजा पसारी मां ने।पहुंच गई सागर में झगड़ु शाह की नाव बचाने। निज मंदिर में बैठकर कैसे भुजा पसारी मां ने। आपकी माया कोई ना समझे आप ही आप को जानो। छोटू को मां आस आपकी मानो या ना मानो।
भूल हुई तो माफी दे मां यूं ना करो अंजाना। मैं तो बस मां आपको जानू और ना कोई ठिकाना।भूल हुई तो माफी दे मां यूं ना करो अंजाना। मैं तो बस मां आपको जानू और ना कोई ठिकाना। तेरी आज्ञा ना मानू तो सर को काटकर गिराना। पर अपने बालक को मैया क्षणभर ना बिसराना।