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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

he murli wale tu hi tu by chotu Singh ravna,तू ही तू तू ही तू हे मुरलीवाला तू ही तू,krishna bhajan

तू ही तू, तू ही तू, हे मुरलीवाला तू ही तू।

तू ही तू, तू ही तू, हे मुरलीवाला तू ही तू।तू ही तू, तू ही तू, हे मुरलीवाला तू ही तू।

मंदिर में तू मूरत में तूं,पूजा के पाठ में तूं। जगमग जले यमुना के तट पर दीपक के बाती में तूं। तू भीख में है भिक्षु में भी , रईसों की ठाठ में तूं। बांधे रखे मुस्कान से वह प्रेम गांठ है तू। फूलों में तू है खुशबू में तू है तुलसी की माल में तु।हर रंग में हर तरंग में उड़ते गुलाल में तू। हर सांस का रखें ख्याल हर एक माल में तू। हर जीव में आजाद फिरे मकड़ी के जाल में तु।तू ही तू, तू ही तू, हे मुरलीवाला तू ही तू।तू ही तू, तू ही तू, हे मुरलीवाला तू ही तू।

ग्वालों में तू गईया में तू हर घास घामें तूं। माखन में तू मिश्री में तू हर एक लिबास में तू। नदिया की बूंद लहरों की गूंज हर एक आभास में तु। हर और है तेरा निशा यही आस पास मैं तू। कभी श्याम कुंड कभी राधा कुंड कभी गोवर्धन में तू। कई प्रेम की मूरत तेरी हर एक आंगन में तू। हर जीव का तो जीवन है हर एक सुहागन में तू। तेरे प्रेम में पागल फिरे उस बैरागन में है तूं।तू ही तू, तू ही तू, हे मुरलीवाला तू ही तू।तू ही तू, तू ही तू, हे मुरलीवाला तू ही तू।

निधिवन में तु गोकुल में तू बरसाने में है तू। खुद बात करे तेरी नजर हर ठिकाने में है तू। रमन रेती की रेत है तू खेलन वालो है तूं।है मात पिता बंधु सखा पालनहारो है तूं। भादो की वह अंधेरी रेन उसमें उजालों है तूं।वो राधा रानी झूला झूले कदम की डाल है तूकोयल की कूक चिड़ियां की चूक बाजों की चाल है तूं।हाथी में तूं चींटी में तूं बड़ा बेमिशाल है तूं।तू ही तू, तू ही तू, हे मुरलीवाला तू ही तू।तू ही तू, तू ही तू, हे मुरलीवाला तू ही तू।

वृंदावन का गोवर्धन का नटखट बंदर है तू। क्या भाव है हर जीव में कितना अंदर है तू। कोई जात ना कोई भेद ना सबके करीब है तू तु है अमीर सबसे बड़ा सबसे गरीब है तू। हारे भी तु जीते भी तु हर बाजी में है तू। यहां प्रेम में तकरार में हर बाजी में है तू। मीरा के संग गोपी के संग राधा रुक्मण संग तु। यहां डोर बनी है भागवत उसकी पतंग है तू।तू ही तू, तू ही तू, हे मुरलीवाला तू ही तू।तू ही तू, तू ही तू, हे मुरलीवाला तू ही तू।

छोटू के कलम की नोक है तू सागर की स्याही है तूं। तु सबको लिखने वाला है कैसे मैं तुझको लिखूं।तु सबको लिखने वाला है कैसे मैं तुझको लिखूं।तु सबको लिखने वाला है कैसे मैं तुझको लिखूं।

श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा।श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा।हे नाथ नारायण वासुदेवा।हे नाथ नारायण वासुदेवा।श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा।श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा।हे नाथ नारायण वासुदेवा।हे नाथ नारायण वासुदेवा।हे नाथ नारायण वासुदेवा।हे नाथ नारायण वासुदेवा।हे नाथ नारायण वासुदेवा।हे नाथ नारायण वासुदेवा।

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