शरण तेरी आन पड़ा हूं अब संभालो ना श्याम धनी। विनती मेरी सुन रही होगी देखो विपदा आन पड़ी।शरण तेरी आन पड़ा हूं अब संभालो ना श्याम धनी।अब संभालो ना श्याम धनी।
कितनों की किस्मत को तुमने संवारा है, हारे हुए का तुम ही एक सहारा है। मेरी भी तकदीर बदलना बाकी है। तेरी मोर छड़ी का एक पंख ही काफी है। मुझको यकी,मुझको यकी,मुझको यकी, तेरी मेहरबानी होगी मुझ पर घड़ी हर घड़ी।अब संभालो ना श्याम धनी।
सारे जग से हार के दर पर आया है। दुखडो का बादल सर पर मंडराया है। मुझको भरोसा खाली ना लौटाओगे। तुम इस हारे को अपने गले से लगाओगे।मिल जाएगी,मिल जाएगी,मिल जाएगी, चंदा को खुशियां तेरी नजरे जो मुझ पर पड़ी।अब संभालो ना श्याम धनी।
विनती मेरी सुन रही होगी देखो विपदा आन पड़ी।शरण तेरी आन पड़ा हूं अब संभालो ना श्याम धनी।अब संभालो ना श्याम धनी।