तर्ज, तुम्हीं मेरे मंदिर
चरणों में तेरे जाऊं बलिहारी, हे कृष्ण गोविंद माधव मुरारी।चरणों में तेरे जाऊं बलिहारी, हे कृष्ण गोविंद माधव मुरारी।
तेरी याद दिल से जाती नहीं है, पलकों में नींद मेरे आती नहीं है।तेरी याद दिल से जाती नहीं है, पलकों में नींद मेरे आती नहीं है। सपनों में देखी जब से सूरत तुम्हारी।हे कृष्ण गोविंद माधव मुरारी।चरणों में तेरे जाऊं बलिहारी, हे कृष्ण गोविंद माधव मुरारी।
सात सुरों की पौरी फिर से बजा दे। युगल छवि की प्यारी सूरत दिखा दे।सात सुरों की पौरी फिर से बजा दे। युगल छवि की प्यारी सूरत दिखा दे। अरज करू मैं तोसे बांके बिहारी।हे कृष्ण गोविंद माधव मुरारी।चरणों में तेरे जाऊं बलिहारी, हे कृष्ण गोविंद माधव मुरारी।
मर्जी तुम्हारी है आओ ना आओ। बुलाता रहूंगा इतना सताना सताओ।मर्जी तुम्हारी है आओ ना आओ। बुलाता रहूंगा इतना सताना सताओ।सुध बुध भुलाके कहां गए तुम मुरारी।हे कृष्ण गोविंद माधव मुरारी।चरणों में तेरे जाऊं बलिहारी, हे कृष्ण गोविंद माधव मुरारी।
सूरत तुम्हारी ने चित्त को चुराया।चैन भी खोया मेरा दिल भी दुखाया।सूरत तुम्हारी ने चित्त को चुराया।चैन भी खोया मेरा दिल भी दुखाया।कभी तो मिलो हे करके बांके बिहारी।हे कृष्ण गोविंद माधव मुरारी।चरणों में तेरे जाऊं बलिहारी, हे कृष्ण गोविंद माधव मुरारी।
चरणों में तेरे जाऊं बलिहारी, हे कृष्ण गोविंद माधव मुरारी।चरणों में तेरे जाऊं बलिहारी, हे कृष्ण गोविंद माधव मुरारी।