नैया मेरी डोल रही भव पार तो लगा जाओ।मांझी बनकर मोहन एक बार तो आ जाओ।मांझी बनकर मोहन एक बार तो आ जाओ।
यह नाव पुरानी है और गहरा पानी है।मुझको तो होश नही छाई नादानी है।यह नाव पुरानी है और गहरा पानी है।मुझको तो होश नही छाई नादानी है।दिल डूब रहा मेरा धीरज तो बंधा जाओ।मांझी बनकर मोहन एक बार तो आ जाओ।
बड़ी दूर किनारा है बस तेरा सहारा है।पापी से पापी को बस तूने उबारा है।बड़ी दूर किनारा है बस तेरा सहारा है।पापी से पापी को बस तूने उबारा है।गणिका जैसी होकर हमको भी लगा जाओ।।मांझी बनकर मोहन एक बार तो आ जाओ।
दिनों पर दया करना आदत है तेरी दाता। फिर मात्रिदत्त को ही क्यों मोह में तरसाता।दिनों पर दया करना आदत है तेरी दाता। फिर मात्रिदत्त को ही क्यों मोह में तरसाता। हे श्यामसुंदर अब तो जैसे हो निभा जाओ।।मांझी बनकर मोहन एक बार तो आ जाओ।
नैया मेरी डोल रही भव पार तो लगा जाओ।मांझी बनकर मोहन एक बार तो आ जाओ।मांझी बनकर मोहन एक बार तो आ जाओ।