भोले हम तो लग गए तेरे ध्यान में
जाने तुझको ख़बर कब होगी।
नदी किनारे तीन पेड़ है
इमला इमलिया आम
जाके नीचे तीन तपस्वी
सीता लक्ष्मण राम
भोले हम तो लग गए तेरे ध्यान में
जाने तुझको ख़बर कब होगी।
कागज की एक नाव बनाई
डाली गंगा धर
धर्मी धर्मी पार उतर गए
पापी डूबे चार।
भोले हम तो लग गए तेरे ध्यान में
जाने तुझको ख़बर कब होगी।।
गंगा ढूंढे ढूंढे सरयू
एक दिन मुझे आप ही मिल गए
बन गए बिगड़े काम,
भोले हम तो लग गए तेरे ध्यान में
जाने तुझको ख़बर कब होगी।
चित्रकूट के घाट घाट पे
भाई संतन की भीर,
तुलसी दास चंदन घीसे
तिलक करे रघुवीर,
भोले हम तो लग गए तेरे ध्यान में
जाने तुझको ख़बर कब होगी।।