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durga bhajan lyrics दुर्गा भजन लिरिक्स

Ma katyayani Devi ke darshan,कात्यायनी देवी के दर्शन रोग शोक संताप हरे,durga bhajan

कात्यायनी देवी के दर्शन रोग शोक संताप हरे

इंद्रधनुष के सात रंग से मां का सजा सिंगार। सुंदर अति मनभावन लागे लाल चुनर गोटेदार। एक हाथ में खड़क तो दूजे हाथ में कमल का फूल। अभय मुद्रा में मां वरदायिनी पल में मिटाती शूल। कात्यायनी देवी के दर्शन रोग शोक संताप हरे। जन्म जन्म के पाप कटे दुख दोष अमंगल बाधा हरे।

भोग लगे नारियल का उनको थोड़े में खुश हो जाती। श्रद्धा भक्ति से करे जो पूजन बलिहारी उन पर होती। कालिंदी जमुना के तट पर ब्रजमंडल दर्शन वो करें। मां कात्यायनी मंगल करनी पाप दोष बाधा हरे।कात्यायनी देवी के दर्शन रोग शोक संताप हरे। जन्म जन्म के पाप कटे दुख दोष अमंगल बाधा हरे।

नवरात्रि के नव दिन का पूजन का फल मिल जाएगा। सुख शांति आंगन में खुशियों का कमल खिल जाएगा। दिव्य स्वरूप के दर्शन से होंगे मनसा पूरे।मां कात्यायनी मंगल करनी पाप दोष बाधा हरे।कात्यायनी देवी के दर्शन रोग शोक संताप हरे। जन्म जन्म के पाप कटे दुख दोष अमंगल बाधा हरे।

इंद्रधनुष के सात रंग से मां का सजा सिंगार। सुंदर अति मनभावन लागे लाल चुनर गोटेदार। एक हाथ में खड़क तो दूजे हाथ में कमल का फूल। अभय मुद्रा में मां वरदायिनी पल में मिटाती शूल। कात्यायनी देवी के दर्शन रोग शोक संताप हरे। जन्म जन्म के पाप कटे दुख दोष अमंगल बाधा हरे।

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