पग पैजनिया छम छम बोले। और पवन चले होले होले। चली आ रही कालका लट खोलें।पग पैजनिया छम छम बोले। और पवन चले होले होले। चली आ रही कालका लट खोलें।
झटकाए लट काली काली। चली है रण में मां कंकाली। झटकाए लट काली काली। चली है रण में मां कंकाली। और गरज रही हूं हूं बोले।और पवन चले होले होले। चली आ रही कालका लट खोलें।चली आ रही कालका लट खोलें।चली आ रही कालका लट खोलें।
समर चली भैरव संग माता। रण में कोई टिक नहीं पाता।समर चली भैरव संग माता। रण में कोई टिक नहीं पाता।और खून से रंग लई है चोले।और पवन चले होले होले। चली आ रही कालका लट खोलें।चली आ रही कालका लट खोलें।चली आ रही कालका लट खोलें।
ले किलकार भरे हूंकारी। कांप रही है दुनिया सारी।ले किलकार भरे हूंकारी। कांप रही है दुनिया सारी। अरे दानव भाग रहे डोले। और पवन चले होले होले। चली आ रही कालका लट खोलें।चली आ रही कालका लट खोलें।चली आ रही कालका लट खोलें।
जय जय जय जय मां चामुंडा। हाथ धरी रे खप्पर खंडा।जय जय जय जय मां चामुंडा। हाथ धरी रे खप्पर खंडा। शहनाज सदा तेरी जय बोले।और पवन चले होले होले। चली आ रही कालका लट खोलें।चली आ रही कालका लट खोलें।चली आ रही कालका लट खोलें।