बन नाचे नटनी को आली नंद को किशोर।बन नाचे नटनी को आली नंद को किशोर।
राधे जगत नचायो तेरी भोह की मरोड़
बन नाचे नटनी को आली नंद को किशोर।बन नाचे नटनी को आली नंद को किशोर।
हो ब्रज के किशोर तो पे डारु ऋण तोड प्यारे। सुन मुरली की घोर मेरे मन नाचे मोर।बन नाचे नटनी को आली नंद को किशोर।राधे जगत नचायो तेरी भोह की मरोड। बन नाचे नटनी को आली नंद को किशोर ।
हो नैनन बसाए मुंद रखूंगी छुपाए प्यारे,
कही भाग न जाए मेरी मुंदरी को चोर
नाचे नटनी को आली नंद को किशोर।
मन श्याम रंग राधे बांध राखू संग प्यारी।
कहा जाएगी पतंग तेरे हाथ में है डोर
नाचे नटनी को आली नंद को किशोर।
हो राधा नाचे कृष्ण नाचे, नाचे गोपीगण। क्योंकि मन मेरा बन गया सखी री पावन वृंदावन।हो रास रच्यो है, रास रच्यो है,
आज यमुना किनारे महारास रच्यो है।
सूरज भी नाचे चंदा नाचे, नाचे तारागण।ब्रम्हा भी नाचे शंकर नाचे, नाचे देवगण। क्योंकि मन मेरा बन गया सखि री पावन वृंदावन।हो रास रच्यो है, रास रच्यो है, आज यमुना किनारे महारास रच्यो है।बन नाथे नटनी को आली नंद को किशोर