तीनों लोक में जो पूजित है कहते वेद पुराण। कुष्मांडा मैया की महिमा गाए सारा जहान।ब्रह्मांड रचे है जगजननी हे आदिशक्ति मां। अष्ठ सिद्धि निधि को देनेवाली तेरी जय हो मां।
सब धामों में धाम बड़ा कुष्मांडा देवी धाम का।ब्रह्मा विष्णु महेश भी करते यशगान तेरे नाम का। अष्ट भुजाओं वाली मां के हाथ में,धनुष कमंडल कमल फूल।असंभव को भी संभव कर दे राह से हटा दे शूल। कुभडे की बली तुझे है प्यारी स्वीकार करो मां।ब्रह्मांड रचायिनी कुष्मांडा तेरी जय जय जय हो मां।
चक्र गदा और अमृत कलश तेरे हाथो में है शोभित।मंद मंद मुस्कान पे तेरी भक्त हुवे हैं मोहित।क्या गाउं क्या शब्द अब में लिखूं।तेरी महिमा लिखी ना जाय।जिस घर में तेरा गीत बजे मां होना उनपे सहाय।हो घट घट बासिनी तूं दुःख नाशीनी,ढूंढूं तुझे कहां कहां।ब्रह्मांड रचायिनी कुष्मांडा तेरी जय जय जय हो मां।
तीनों लोक में जो पूजित है कहते वेद पुराण।कुसमांडा मैया की महिमा गाए सारा जहान।ब्रह्मांड रचे है जगजननी हे आदिशक्ति मां। अष्ठ सिद्धि निधि को देनेवाली तेरी जय हो मां।