नथ मारी गम गई सा ब्रज का वासी।नथ मारी गम गई सा ब्रज का वासी।
मन मारो मोय लिनो राम,ओ ब्रज का वासी। ओ ब्रज का वासी।नथ मारी गम गई सा,ब्रज का वासी।नथ मारी गम गई सा ब्रज का वासी।
रास रमंता ओ मारी नथली गमाई। ओ सखिया भई उदियासी,ब्रज रा वासी। ओ मन मारो मोय लिनो सा,ब्रज का वासी।नथ मारी गम गई सा ब्रज का वासी।
ओ ग्वाल बाल सब मिल कर ढूंढो। नही तो सबने ओलबो आसी।ब्रज का वासी,ओ मन मारो मोय लिनो सा,ब्रज का वासी।नथ मारी गम गई सा ब्रज का वासी।
में तो मारे पिवरिये जासी। मारो बाबुल ओर गड़ासी,ब्रज रा वासी, मन मारो मोय लिनो राम,ब्रज का वासी।नथ मारी गम गई सा ब्रज का वासी।