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durga bhajan lyrics दुर्गा भजन लिरिक्स

Lambi jiv nikali meri ma ne sari shristi ghabrayi re,लंबी जीभ निकाली मेरी मां ने सारी सृष्टि घबराई रे मेरी मांत कालका,durga bhajan

लंबी जीभ निकाली मेरी मां ने, सारी सृष्टि घबराई रे, मेरी मांत कालका।

लंबी जीभ निकाली मेरी मां ने, सारी सृष्टि घबराई रे, मेरी मांत कालका

बड़ी-बड़ी बिंदिया माथे पर सो है। और मांग सिंदूर डाली रे मेरी मांत कालकालंबी जीभ निकाली मेरी मां ने, सारी सृष्टि घबराई रे, मेरी मांत कालका।

ना अगन नेत्रों से बरसे कोई मुंडमाला लहराई रे,मेरी मांत कालका।लंबी जीभ निकाली मेरी मां ने, सारी सृष्टि घबराई रे, मेरी मांत कालका।

एक हाथ में खप्पर ले ली। दुजी हाथ कटारी रे,,मेरी मांत कालका।लंबी जीभ निकाली मेरी मां ने, सारी सृष्टि घबराई रे, मेरी मांत कालका।

नर हस्तों की कमर करधनी। असुरों पर गुर्राई रे,मेरी मांत कालका।लंबी जीभ निकाली मेरी मां ने, सारी सृष्टि घबराई रे, मेरी मांत कालका।

ऐसी चाल चली मैया ने। धरती मां डगमग आई रे, मेरी मांत कालका।लंबी जीभ निकाली मेरी मां ने, सारी सृष्टि घबराई रे, मेरी मांत कालका।

चंड मुंड को मारा मा ने। मधु केटब का शीष उतारा। अरु रूप धरा विकराली रे,मेरी मांत कालका।लंबी जीभ निकाली मेरी मां ने, सारी सृष्टि घबराई रे, मेरी मांत कालका।

शिव शंकर जी चरणों में गिर गए। जब मां ने होश संभाला रे,मेरी मांत कालका।लंबी जीभ निकाली मेरी मां ने, सारी सृष्टि घबराई रे, मेरी मांत कालका।

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