हे ब्रह्मचारिणी ज्योतिर्मय हे जग कल्याणी अंबा। भक्त पूजे तुम्हें दितीय रूप में जग पूजे जगदंबा।हे ब्रह्मचारिणी ज्योतिर्मय हे जग कल्याणी अंबा।
हे भूधर पुत्री जयति जय, सुख शांति सौभाग्य दायिनी। हे परम तपस्विनी ज्ञान मई जय जय हो मां व्रत धारिणी।
रूप तुम्हारा बड़ा ही अद्भुत सम्मोहित करने वाला। बाए हाथ में लिए कमंडल, दाएं हाथ में जप की माला। भक्ति ज्ञान वैराग्य मिले हैं निर्जल व्रत निहारिणी।हे परम तपस्विनी ज्ञान मई जय जय हो मां व्रत धारिणी।
खाकर बेलपत्र मां तूने जीवन को व्रत बना लिया। घोर तपस्या करके तूने शंकर जी को पा ही लिया। हे भवभय हारीनी ईश्वर प्रिया,शुभ ही शुभ फल प्रदायिनी।हे ब्रह्मचारिणी ज्योतिर्मय हे जग कल्याणी अंबा।
हे ब्रह्मचारिणी ज्योतिर्मय हे जग कल्याणी अंबा। भक्त पूजे तुम्हें दितीय रूप में जग पूजे जगदंबा।हे ब्रह्मचारिणी ज्योतिर्मय हे जग कल्याणी अंबा।