मैया के दरबार पर देखो धूम मची नवरात्रों में। भक्त खुसी से नाच रहे हैं मैया तेरे जगराते में।
माता के दरबार में मेला भक्तों का है लगा हुआ। रंग-बिरंगे फूलों से है यह दरबार भी सजा हुआ। होकर सिंह सवार बैठी मां अस्त्र-शस्त्र लिए हाथों में।भक्त खुसी से नाच रहे हैं मैया तेरे जगराते में।
मैया के दरबार पर देखो धूम मची नवरात्रों में। भक्त खुसी से नाच रहे हैं मैया तेरे जगराते में।
कोई चढ़ाए ध्वजा नारियल और कोई भोग लगाता है। दंडवत करके आता है कोई नंगे पांव चला आता है। श्रद्धा भाव बढ़ा है देखो भक्तों के जज्बातों में।भक्त खुसी से नाच रहे हैं मैया तेरे जगराते में।
मैया के दरबार पर देखो धूम मची नवरात्रों में। भक्त खुसी से नाच रहे हैं मैया तेरे जगराते में।
गूंज रहे हैं चारों और ही तेरे नाम के जैकारे। कोई निर्धन या धनवान हो भक्त सभी तुमको प्यारे। सबकी है किस्मत है माता बस एक तेरे हाथों में।भक्त खुसी से नाच रहे हैं मैया तेरे जगराते में।
मैया के दरबार पर देखो धूम मची नवरात्रों में। भक्त खुसी से नाच रहे हैं मैया तेरे जगराते में।
फौजी सुरेश की भी मैया तुमने तकदीर बनाई है। चंचल बंजारा भी देखो आज तेरे दर आई है। सुननी पड़ेगी बिनती जो दम होगा मेरी बातों में।भक्त खुसी से नाच रहे हैं मैया तेरे जगराते में।
मैया के दरबार पर देखो धूम मची नवरात्रों में। भक्त खुसी से नाच रहे हैं मैया तेरे जगराते में।