तर्ज भोली सी सूरत आँखों में मस्ती
खाटू में बैठा प्यारा सांवरा,
मंद मंद मुस्काए, एक झलक जो देखे इसकी, दीवाना हो जाए, प्रेम के बदले प्रेम करे ये, प्रेमी पे लूट जाए, खाटू में बैठा प्यारा साँवरा, मंद मंद मुस्काए ।
खाटू की पावन धरती का, राजा ये कहलाए. सारी दुनिया में बाबा, अपनी सरकार चलाए, हारे का ये बने सहारा, अपना वचन निभाए, जब जब भक्त बुलाए बाबा, लिले चढ़ कर आए. खाटू में बैठा प्यारा साँवरा, मंद मंद मुस्काए ।
केसरिये बागे में सजीला, सजधज के इतराए, फूलों में छुप जाए कभी ये, खुद गुलशन बन जाए, जो भी नैन मिलाए श्याम से, अपना चैन गंवाए, देख के सुन्दर रूप श्याम का, चंदा भी शर्मा, खाटू में बैठा प्यारा साँवरा, मंद मंद मुस्काए।
बनो सहारा तुम हारे का, ‘ललित’ को ये समझाए, सच्चे सीधे भक्तों की ये, फुलवारी महकाए, है यारो का यार सांवरा, यारी खूब निभाए, कोई भी छल इस छलिये के, आगे ना चल पाए, खाटू में बैठा प्यारा साँवरा, मंद मंद मुस्काए ।
खाटू में बैठा प्यारा सांवरा, मंद मंद मुस्काए, एक झलक जो देखे इसकी, दीवाना हो जाए, प्रेम के बदले प्रेम करे ये, प्रेमी पे लूट जाए, खाटू में बैठा प्यारा साँवरा, मंद मंद मुस्काए ।।