तूने कैसो रंग डालो रे बिहारी फागुन मां आग लगे।तूने कैसो रंग डालो रे बिहारी आंखिन मां आग लगे। आग लगे रे खूब जले रे।तूने कैसो रंग डालो रे बिहारी फागुन मां आग लगे।
बड़े-बड़े नैनन में दियो रंग डाल रे।दियो रंग डाल रे।दियो रंग डाल रे। अरे निर्मोही जरा आकर निकाल रे।आकर निकाल रे।आकर निकाल रे। कैसे खोलूं आंखें दर्द की मारी आंखिन में आग लगे।तूने कैसो रंग डालो रे बिहारी फागुन मां आग लगे।
अरे बड़ो ही ज्यों तूं होली को खिलाड़ रे।होली को खिलाड़ रे।होली को खिलाड़ रे। निकस जाइए धौंस सब नंद के कुमार रे। नंद के कुमार रे नंद के कुमार रे। दऊंगी गालन पे कुलचा तोहे चार रे,आंखिन में आग लगे।तूने कैसो रंग डालो रे बिहारी फागुन मां आग लगे।
नार नवेली बरसाने की। तेरी धौंस में नहीं आने की।दिऊंगी तोहे हजार मिठकारी,आंखिन में आग लगे।तूने कैसो रंग डालो रे बिहारी फागुन मां आग लगे।
रंग दियो डार तोहे कैसे देखूं सांवरे।कैसे देखूं सांवरे।कैसे देखूं सांवरे। तोरे दरस बिन बिकल ए नार रे।बिकल ए नार रे।बिकल ए नार रे।बिकल ए नार रे।कहे बावरी दयो ना निकाल रे,आंखिन में आग लगे।तूने कैसो रंग डालो रे बिहारी फागुन मां आग लगे।