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shadi geet

Saiya mile lartaiya me kya Karu,सैयां मिले लरतईया मैं का करूँ

Saiya mile lartaiya me kya Karu

हाय बाली उमरिया में, हाय बियाह के आई। अरे मैं भोली बलमा नादानी । अरे हाय कैसी विपत पड़ी मोरी गुईया की कछु ना समझे ये नादान है।

सैयां मिले लरतईया मैं का करूँ।सैयां मिले लरतईया मैं का करूँ।

बारह बरस की मैं बियाह के आई।बारह बरस की मैं बियाह के आई।सैयां चले पैंया पैंया मैं का करूँ, सैयां मिले लरतईया मैं का करू।

पंद्रह बरस की मैं गोने पे आई, सैयां पंद्रह बरस की मैं गोने पे आई।सैयां हो हो सैयां उडावे कनकैया मैं का करूँ।सैयां मिले लरतईया मैं का करूँ।सैयां मिले लरतईया मैं का करूँ

अजी सोलह बरस मोरी बाली उमरिया। हाय सोलह बरस की मोरी बाली उमरिया।सैयां सोलह बरस मोरी बाली उमरिया
सैयां हो हो सैयां छुडावे मोसे बैयाँ मैं का करूँ।सैयां मिले लरतईया मैं का करूँ।सैयां मिले लरतईया मैं का करूँ।

बीस बरस की मैं होने को आई,
अजी बीस बरस की मैं होने को आई।सैयां बीस बरस की मैं होने को आई। सैयां हो हो सैयां पुकारे मैंया मैंया मैं का करूँ।सैयां मिले लरतईया मैं का करूँ।सैयां मिले लरतईया मैं का करूँ।

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