तर्ज:- अगर तुम ना होते
मेरे श्याम तेरी ये रहमत न होती,ये साँसे न चलती,ये साँसे न चलती।
तेरी जो ये नज़रें,मुझ पर न होती ये साँसे न चलती,ये साँसे न चलती।
मेरी ज़िंदगी में तूने रंग भरे हैं तुमने ही बाबा मेरे सारे दुख हरे हैं तुम्हारी इनायत जो मुझ पर न होती ये साँसे न चलती।
गले से लगाकर खता को तूने मेरी दिल से भुलाकर तुम्हारी ये चौखट मुझे जो न मिलती ये साँसे न चलती।
हारे का सहारा तुम कहलाये विपदा पड़ी तो तुम काम आये। कृष्णा जो तेरी ये चाहत न होती ये साँसे न चलती