उड़बा दे रे लाल गुलाल महीनो फागण को।फागण को रे कान्हा फागण को।उड़बा दे रे लाल गुलाल महीनो फागण को।
तू मत जाने रे कान्हा बिना गांव की। मारो बरसानो है गांव, महीनो फागण को।फागण को रे कान्हा फागण को।उड़बा दे रे लाल गुलाल महीनो फागण को।
तू मत जाने रे कान्हा बिना नाम की। अरे राधा रंगीली मारो नाम, महीनो फागण को।फागण को रे कान्हा फागण को।उड़बा दे रे लाल गुलाल महीनो फागण को।
तू मत जाने रे कान्हा बिना बाप की। वृषभानु है मारो बाप, महीनो फागण को।फागण को रे कान्हा फागण को।उड़बा दे रे लाल गुलाल महीनो फागण को।
तू मत जाने रे कान्हा अग्न कुमारी। मारो श्याम सुंदर भरतार,महीनो फागण को।फागण को रे कान्हा फागण को।उड़बा दे रे लाल गुलाल महीनो फागण को।
चंद्र सखी भजे बालकृष्ण छवि। म्हारो चित्त चरना में जाय,महीनो फागण को।फागण को रे कान्हा फागण को।उड़बा दे रे लाल गुलाल महीनो फागण को।