स्वर्ग हजारों बैकुंठ चाहे लाख देखा जी। जिसने खाटू नहीं देखा फिर क्या खाक देखा जी।
वही राम है वही कृष्ण है वही है भोले शंकर। पूजा करने लायक सुन लो खाटू का हर कंकर। सभी देव है हर कंकर में छाक देखा जी।जिसने खाटू नहीं देखा फिर क्या खाक देखा जी।
स्वर्ग हजारों बैकुंठ चाहे लाख देखा जी। जिसने खाटू नहीं देखा फिर क्या खाक देखा जी।
खाटू में है शीश की पूजा वहां पर हाथ नहीं है। ऐसा काम बताओ जिसमें इसका हाथ नहीं है। करे करिश्मा यह तो हाथों-हाथ देखा जी। जिसने खाटू नहीं देखा फिर क्या खाक देखा जी।
स्वर्ग हजारों बैकुंठ चाहे लाख देखा जी। जिसने खाटू नहीं देखा फिर क्या खाक देखा जी।
बनवारी आसान है भक्तों खाटू नगरी जाना। लेकिन बड़ा ही मुश्किल समझो वहां से वापस आना। जिस से बिछड़ कर बरसे सब की आंख देखा जी। जिसने खाटू नहीं देखा फिर क्या खाक देखा जी।
स्वर्ग हजारों बैकुंठ चाहे लाख देखा जी। जिसने खाटू नहीं देखा फिर क्या खाक देखा जी।
सुनी सुनाई बात ना खुद की आंख देखा जी। दर्दी की श्री श्याम बचाए साफ देखा जी।जिसने खाटू नहीं देखा फिर क्या खाक देखा जी।
स्वर्ग हजारों बैकुंठ चाहे लाख देखा जी। जिसने खाटू नहीं देखा फिर क्या खाक देखा जी।