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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Jabse sati ne choda shiv ka thikana,जब से सती ने छोड़ा शिव का ठिकाना,shiv bhajan

जब से सती ने छोड़ा शिव का ठिकाना,

जब से सती ने छोड़ा शिव का ठिकाना, भूल गए भोले बाबा डमरू बजाना।जब से सती ने छोड़ा शिव का ठिकाना, भूल गए भोले बाबा डमरू बजाना।



मेरे पिता ने यज्ञ रचाया, सबको बुलाया पर हमें ना बुलाया,जाऊँगी जरूर मैंने दिल में है ठाना, भूल गए भोले बाबा डमरू बजाना।



बिना बुलाए जाते नहीं हैं, जाते हैं तो मान पाते नहीं हैं, मानो हमारी तुम्हें पड़े पछताना, भूल गए भोले बाबा डमरू बजाना।



सब देवों के आसन लगे हैं, मेरे पती का कोई आसन नहीं है, जल के मरूँगी मैंने मन में है ठाना, भूल गए भोले बाबा डमरू बजाना।



कैलाश पर्वत पे शोर हुआ है, भोलेबाबा को बड़ा
क्रोध हुआ है, चले वहाँ से जैसे पवन समाना, भूल गए भोले बाबा डमरू बजाना…



जहाँ जहाँ सती के अंग गिरे हैं, वहाँ वहाँ सुन्दर भवन बने हैं, चरणों में झुकता है सारा जमाना, भूल गए भोले बाबा डमरू बजाना…..



दांत गिरा वहां दंतकाली, मन गिरा वहाँ मनसा देवी,चिंतपूरणी का क्या नजराना, भूल गए भोले बाबा डमरू बजाना।

जब से सती ने छोड़ा शिव का ठिकाना, भूल गए भोले बाबा डमरू बजाना।

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