गाली मत दीजो गरीबनी को जायो है।गरीबनी को जायो है यशोदा गोद खिलायो है।गाली मत दीजो गरीबनी को जायो है
काशी में खैरात मांगी दौलत लुटायो है। देवता मनाया जब एक लालो आयो है।गाली मत दीजो गरीबनी को जायो है।गाली मत दीजो गरीबनी को जायो है।गरीबनी को जायो है यशोदा गोद खिलायो है।गाली मत दीजो गरीबनी को जायो है
कोई कहे दोए चार कोई कहे पांच सात। मने तो विधाता लाल एक लालो दियो है।गाली मत दीजो गरीबनी को जायो है।गाली मत दीजो गरीबनी को जायो है।गरीबनी को जायो है यशोदा गोद खिलायो है।गाली मत दीजो गरीबनी को जायो है
कहे रे गवाला सुन री यशोदा। दही की मटकिया लालो आज फोड़ आयो है।गाली मत दीजो गरीबनी को जायो है।गाली मत दीजो गरीबनी को जायो है।गरीबनी को जायो है यशोदा गोद खिलायो है।गाली मत दीजो गरीबनी को जायो है
दही की मटकिया रखी रे आंगन में। जीने जितना खाना है तोल तोल दिया रे। गाली मत दीजो गरीबनी को जायो है।गाली मत दीजो गरीबनी को जायो है।गरीबनी को जायो है यशोदा गोद खिलायो है।गाली मत दीजो गरीबनी को जायो है
चंद्र सखी भज बालकृष्ण छवि। त्रिलोकी को नाथ लालो थारे ही घर आयो है।गाली मत दीजो गरीबनी को जायो है।गाली मत दीजो गरीबनी को जायो है।गरीबनी को जायो है यशोदा गोद खिलायो है।गाली मत दीजो गरीबनी को जायो है