घर अपने मेहमान जो आया, मोहे सन्देश दीजे जल्दी से तुम चाय बनाओ, अब देरी न कीजे, भायों त्याग चाय ने दीजे।भाव भक्ति निंव कीजे, भायों त्याग चाय ने दीजे
अब तो चाय बनकर आई, हियो खूब भरीजे गर्म पीयो तो होठ बळ जावे, ठण्डी सो मन न पतीजे, भाय त्याग चाय ने दीजे ॥
पीवतो- पीवतो वर्ष बीत गया, अब तो कोंही कीजे ,अब तो चाय बणकर आई, हियो खूब भरीजे गर्म पीयो तो होठ बळ जावे, ठण्डी सो मन न पतीजे, भाय त्याग चाय ने दीजे ॥
पीवतो- पीवतो वर्ष बीत गया, अब तो कोंही कीजे । देटी को तो माथो दुःखे तो, गोळी एनासन लीजे, भायों त्याग चाय ने दीजे ॥
मीठी देख ने पीवण लागा, दोष चाय ने दीजे बाबु वे मानो थे म्हारी, ओ केणो म्हारो कीजे, भायों त्याग चाय ने दीजे ॥