तर्ज – ढोला ढोल मजीरा
बाबा श्याम तू कद सुणसी रे, टाबरिया री दर्शन ताईं, आंख्या तरसी रे, बाबा श्याम तु कद सुणसी रे।
म्हाने सुणी है हारयोडा को, साथ निभावे है तू, साँचा मन सु जो भी ध्यावे, वा को काम बणावे तू, म्हासु गलती काई होगी रे, टाबरियारी दर्शन ताईं, आंख्या तरसी रे, बाबा श्याम तु कद सुणसी रे।
थारी मर्जी जझ्या बाबा, नाव चला या म्हारी, चाहे डूबा दे बिच भंवर या, पार लगा गिरधारी, थारी मर्जी में म्हारी मर्जी रे, टाबरिया री दर्शन ताईं, आंख्या तरसी रे,बाबा श्याम तु कद सुणसी रे।।
जनम जनम गुण गावां थारा, कर दे मनसा पूरी, दास करे अरदास सांवरा, अब क्यों राखे दुरी, ‘राजू’ बस चरणा में रहसी रे, टाबरिया री दर्शन ताईं, आंख्या तरसी रे,बाबा श्याम तु कद सुणसी रे।
बाबा श्याम तू कद सुणसी रे, टाबरिया री दर्शन ताईं, आंख्या तरसी रे,बाबा श्याम तु कद सुणसी रे।