अरे रुमझुम – रुमझुम बाजे
रमझोळां जी, कोई सातू बायां साथ। जसोलगढ़ रे चोंवटे जी, देखो घूमर खेले मात ।
माजीसा मावड़ी ए, स्वर्ग लोके है थांरो देवरो रे जियो राणीसा जियो, माजीसा जियो ॥ अरे रुमझुम रुमझुम बाजे रमझोळां जी ॥
धोरलियां में धाम आपरो माँ, प्यारो घणो सुहाय दिरिया में जगमग जगमग, रोशनियाँ जगमगाय । जीसा मावड़ी ए, स्वर्ग लोके है थांरो देवरो रे जियो…॥
मथुख मेला घुरवाजे मां, मेळा माँहि नाचे गेरिया, कोई घुंघरिया घमकाय माजीसा मावड़ी ए, स्वर्ग लोके है थांरो देवरो रे जियो…
दूर-दूर सूं जातरूं जी. कोई दर्शण करवा आय। लाडू पेड़ा चूरमों माँ, कोई थारे भोग लगाय। माजीसा मावड़ी ए, स्वर्ग लोके है थांरो देवरो रे जियो…॥
दास कैलाश री सुणो वीणती जी, सुणजो ध्यान लगाय । भगतां ऊपर मेहर करावो, म्हारी कीजो मात सहाय माजीसा मावड़ी ए, स्वर्ग लोके है थांरो देवरो रे जियो… ॥
अरे रुमझुम – रुमझुम बाजे
रमझोळां जी, कोई सातू बायां साथ। जसोलगढ़ रे चोंवटे जी, देखो घूमर खेले मात ।