तर्ज – बाला सा थाने कोण सजाया जी।
बालाजी थे तो पर्वत जाईज्यो सा, अंजनी के लाला पर्वत जाईज्यो सा, आता तो लावज्यो संजीवन बूटी ।।
प्रभु जी मेतो कोनी जाणा सा, प्रभु जी मेतो कोनी जाणा सा, किसयोड़ा रंग कि संजीवन बुटी ।।
बालाजी म्हारा हरिया हरिया पता सा, अंजनी के लाला हरिया हरिया पता सा, बिदामी रंग री संजीवन बूटी, चमकिनी रंग कि संजीवन बूटी ।।
प्रभु जी म्हारा बटे राक्षस बडा बलवान, प्रभु जी म्हारा बटे राक्षस बडा बलवान, लावण कोनी दे संजीवन बूटी ।।
बालाजी म्हारा आप बड़े बलवान, अंजनी के लाला आप बड़े बलवान, राक्षस मार लावो संजीवन बूटी ।।
बालाजी थारा तुलसीदास जस गावे, बालाजी थारा तुलसीदास जस गावे, लक्ष्मण पावो सा संजीवन बूटी ।।
बालाजी थे तो पर्वत जाईज्यो सा, अंजनी के लाला पर्वत जाईज्यो सा, आता तो लावज्यो संजीवन बूटी ।।