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गुरु भजन लिरिक्स guru bhajan lyrics

Guru ko na pahchan saka to jag Jana to kya Jana,गुरु को ना पहचान सका तो जग जाना तो जाना क्या,guru bhajan

गुरु को ना पहचान सका तो, जग जाना तो जाना क्या,



तर्ज- कस्मे वादे प्यार वफ़ा

गुरु को ना पहचान सका तो, जग जाना तो जाना क्या, धन दौलत तू पा भी लिया गर, धन दौलत तू पा भी लिया गर, चैन नहीं पाया तो क्या, गुरु को न पहचान सका तो, जग जाना तो जाना क्या ।।



बाहर आडम्बर कुछ है, भीतर रूप ना निखारा है, गुरु गुरु में शिष्य गुरु में, गुरु बनने का झगड़ा है, ऐसे गुरु भला बोलो क्या, शिष्य को राह दिखाएगा, गुरु को न पहचान सका तो, जग जाना तो जाना क्या ।।

कहलाने को भक्त बहुत है, लेकिन खोटा धंधा है, माया ऐसे घेर लिया है, रहते आँख भी अँधा, ऐसे भक्तो को प्रभु का दर्शन, कहो कैसे हो पाएगा, गुरु को न पहचान सका तो, जग जाना तो जाना क्या ।।

डाल पकड़ कर झूल रहा है, दुख का कहाँ निवारण है, जगत गुरु को भूल ही जाना, सभी दुखों का कारण है, सोच समझ कर गुरु करो तुम, नही तो धोखा खाएगा, गुरु को न पहचान सका तो, जग जाना तो जाना क्या ।।



जो करना वो खुद ही करना, ना कहना नाइंसाफी है, भजन में शब्द नही है काफी, भाव का होना काफी है, गाया नही गुरु का महिमा, राग रसीला गाया क्या, गुरु को न पहचान सका तो, जग जाना तो जाना क्या।।

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