तोहे जगा रही जागो भोले सत्यानाशी।तोहे जगा रही जागो भोले सत्या नाशी,
निंद में जगा दिया गौरा शिव शंकर कैलाशी,
तोहे जगा रही जागो भोले सत्या नाशी……..
पिवे भांग मस्त सोजावे,
तू मोसे क्या कहना चावे,
हस बत लावांगे मैं तेरे चरणों की दासी,
निंद में जगा दिया गौरा शिव शंकर कैलाशी…
तू मोसे बोले ना हस के,
तेरे बोल भी घर में कस के,
भोले देख लिए गौरा तेरे प्रेम की दासी,
निंद में जगा दिया गौरा शिव शंकर कैलाशी….
तू हरिराम बैसले रट ले,
“रज्जू” “उपेंद्र” राणा कट ले,
भीगी सुमर लिए भोले जी को बारह मासी,निंद में जगा दिया गौरा शिव शंकर कैलाशी….
तोहे जगा रही जागो भोले सत्यानाशी।तोहे जगा रही जागो भोले सत्या नाशी,
निंद में जगा दिया गौरा शिव शंकर कैलाशी,
तोहे जगा रही जागो भोले सत्यानाशी……..