तर्ज, श्याम तेरे भरोसे
तेरे ही आसरे जगत में वास रे । मेरा गिरधर गोपाला… हो हो हो हो हो मेरा गिरधर गोपाला, मेरे तो, पास रे ।।तेरे ही आसरे जगत में वास रे ।
नाम तेरे की मस्ती, मिली मुझको ये सस्ती, दिया जो सब तेरा है, मेरा घर तेरी बस्ती । और मेरी क्या हस्ती, हो हो हो हो हो,,, और मेरी, क्या हस्ती, बस तेरा दास रे ।तेरे ही आसरे जगत में वास रे ।
तेरी भक्ती का प्याला, हो गया पी मतवाला, होश आये अब कैसे, बसा दिल खाटूवाला । दे रहा, वो ही निवाला, हो हो हो हो…….. दे रहा, वो ही निवाला, बसा हर, श्वास रे ।। तेरे ही आसरे जगत में वास रे ।
जिंदगी से जो हारे, पहुँचते तेरे द्वारे, जहाँ हो वारे न्यारे, कहें हारे के सहारे। जाने कितनों को तारे, हो हो हो हो हो,,, जाने कितनों को तारे, दीन का, खास रे।तेरे ही आसरे जगत में वास रे ।
लिखूं मै भजन घनेरे, बनें हो मीत मेरे। रंगां अशोक पंछी, मधुर, संगीत तेरे। रहूँ मै सांझ सवेरे, हो हो हो हो हो...,.रहूँ मै सांझ सवेरे,तेरे ही पास रे।तेरे ही आसरे जगत में वास रे ।
तेरे ही आसरे जगत में वास रे । मेरा गिरधर गोपाला… हो हो हो हो हो मेरा गिरधर गोपाला, मेरे तो, पास रे ।।तेरे ही आसरे जगत में वास रे ।