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श्याम भजन लिरिक्स

Dhamo me dham sawre ke dham ko pranam,धामों में धाम साँवरे के धाम को प्रणाम,shyam bhajan

धामों में धाम साँवरे के धाम को प्रणाम,

धामों में धाम साँवरे के धाम को प्रणाम,
करता हूँ बार बार खाटूधाम को प्रणाम,
अहलावती के लाल बाबा श्याम को प्रणाम,
करता हूँ बार बार खाटूधाम को प्रणाम……



दुनिया में साँवरे सा दानी न दूजा,
इसीलिये कलियुग में होती है पूजा,
द्वापर में दिये शीष के उस दान को प्रणाम,
करता हूँ बार बार खाटूधाम को प्रणाम……



साँवरे के प्रेमियों को साँवरे से काम है,
प्रेमियों के होंठों पे साँवरे का नाम है,
जिसपे है श्याम नाम उस ज़ुबान को प्रणाम,
करता हूँ बार बार खाटूधाम को प्रणाम……



लहराते हैं जो निशान ढ़ेर सारे,
उनमें भी बसते हैं श्यामजी हमारे,
जिसपे लिखा है श्याम उस निशान को प्रणाम,
करता हूँ बार बार खाटूधाम को प्रणाम…..



खाटू के कण कण में साँवरे का वास है,
खाटू में बीते जो हर पल वो ख़ास है,
खाटू की दिव्य सुबह मस्त शाम को प्रणाम,
करता हूँ बार बार खाटूधाम को प्रणाम…….



जबसे है मान लिया इसे गॉडफ़ादर्‌
होने लगा तबसे मेरा भी आदर
भगतों से मिले प्रेम को सम्मान को प्रणाम
करता हूँ बार बार खाटूधाम को प्रणाम……



“मोहित” हुए जबसे मोहन मुरारी,
बिगड़ी हुई मेरी हालत सँवारी,
जो श्याम ने दिलाई पहचान को प्रणाम,
करता हूँ बार बार खाटूधाम को प्रणाम……

धामों में धाम साँवरे के धाम को प्रणाम,
करता हूँ बार बार खाटूधाम को प्रणाम,
अहलावती के लाल बाबा श्याम को प्रणाम,
करता हूँ बार बार खाटूधाम को प्रणाम……

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