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श्याम भजन लिरिक्स

Tum bin laaj garib ki kon rakhe ghanshyam,तुम बिन लाज गरीब की कौन रखे घनश्याम,shyam bhajan

तुम बिन लाज गरीब की, कौन रखे घनश्याम,

तुम बिन लाज गरीब की, कौन रखे घनश्याम, निर्बल के बल तुम हो मुरारी, निर्बल के बल तुम हो मुरारी, सबके सवारे काज हो, तुम बिन लाज़ गरीब की, कौन रखे घनश्याम



जब की ‘ग्राह ने गज को पुकारा, अंतिम क्षण में प्राण, तब गज ने किया ध्यान प्रभु का, तब गज ने किया ध्यान प्रभु का, आधे वो आए नाम, तुम बिन लाज़ गरीब की, कौन रखे घनश्याम ।

दुष्ट दुशाशन चिर जो खींचे, नहीं आवे कोई काम, कर उठाये द्रोपदी ने पुकारी, कर उठाये द्रोपदी ने पुकारी, साड़ी बने घनश्याम, तुम बिन लाज़ गरीब की, कौन रखे घनश्याम।

विप्र सुदामा द्वार जो आये, दौड़े नंगे पाँव, चरण धोए निज धाम दिया, चरण धोए निज धाम दिया, तू जानत सकल जहान,तुम बिन लाज़ गरीब की, कौन रखे घनश्याम



तुम बिन लाज गरीब की, कौन रखे घनश्याम, निर्बल के बल तुम हो मुरारी, निर्बल के बल तुम हो मुरारी, सबके सवारे काज हो, तुम बिन लाज़ गरीब की, कौन रखे घनश्याम।

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