तर्ज धमाल
ओ खुशबू आती है सरकार तेरे दर से बाबा श्याम खुशबू आती है। भाँति भाँति के इतर महकते मन हरसाती है, खुशबू आती है…..
खुशबू से बाबा दर ये महकता है तेरे भक्तों का जीवन खुशियों से चहकता है रूप सजीला तेरा बाबा भक्तों का मन हरता है लाख निहारूँ तेरी छवि तो मन नहीं भरता है, खुशबू आती है…….
रंग बिरंगा तुझ पर बाबा ये श्रृंगार सुहाता है। तेरे मुखड़े से ही बाबा सूर्य निकलता है, खुशबू आती है……
तेरी किरपा गाकर बाबा मन मेंरा नहीं भरता है कृष्णा तू ही मेरी खाली झोली भरता है, खुशबू आती है…….
ओ खुशबू आती है सरकार तेरे दर से बाबा श्याम खुशबू आती है। भाँति भाँति के इतर महकते मन हरसाती है, खुशबू आती है…..