कागज की नैय्या हैं राम के सहारे, चली जा रही हैं किनारे किनारे।
उसी नैय्या में रामा जी बैठे, रामा जी बैठे, लक्ष्मण भी बैठे, रामा जी बैठे, लक्ष्मण भी बैठे, सीता भी बैठी है राम के सहारे, चली जा रही हैं किनारे किनारे।कागज की नैय्या हैं राम के सहारे, चली जा रही हैं किनारे किनारे।
उसी नैय्या में ब्रह्मा जी बैठे, ब्रह्मा जी बैठे, नारद जी बैठे, ब्रह्मा जी बैठे, नारद जी बैठे, ब्रह्माणी भी बैठी है राम के सहारे, चली जा रही हैं किनारे किनारे।कागज की नैय्या हैं राम के सहारे, चली जा रही हैं किनारे किनारे।
उसी नैय्या में विष्णु जी बैठे, विष्णु जी बैठे, गरुड़ जी बैठे, विष्णु जी बैठे, गरुड़ जी बैठे, लक्ष्मी भी बैठी है राम के सहारे, चली जा रही हैं किनारे किनारे।कागज की नैय्या हैं राम के सहारे, चली जा रही हैं किनारे किनारे।
उसी नैय्या में भोले जी बैठे, भोले जी बैठे, नंदी जी बैठे, भोले जी बैठे, नंदी जी बैठे, गौरा भी बैठी है राम के सहारे, चली जा रही हैं किनारे किनारे।कागज की नैय्या हैं राम के सहारे, चली जा रही हैं किनारे किनारे।
उसी नैय्या में श्याम जी बैठे, श्याम जी बैठे, ग्वाले जी बैठे. श्याम जी बैठे, ग्वाले जी बैठे. राधा भी बैठी है राम के सहारे,चली जा रही हैं किनारे किनारे।कागज की नैय्या हैं राम के सहारे, चली जा रही हैं किनारे किनारे।